संपादक मण्डल
कृपाशंकर तिवारी
संस्थापक संपादक
आलोक रंजन तिवारी
प्रधान संपादक
बचपन से मेधावी रहे आलोक रंजन तिवारी ही नहीं बल्कि उनके माता-पिता की भी इच्छा थी कि वह आईएएस बनकर देश की सेवा करें, लेकिन मुंबई आने के बाद वह पत्रकारीय वातावरण से प्रभावित हुए बिना नहीं रह सके। पिता के पत्रकार होने का असर स्वाभाविक रूप से उन पर पड़ा। लिहाज़ा, 12वीं की पढ़ाई के दौरान ही वह 'अभ्युदय वात्सल्यम' का काम-काज संभालने लगे। धीरे-धीरे संपादन और अन्य कार्यों में दक्ष होते गए। 19-20 वर्ष की अल्पायु में ही उन्हें देश के कई मुख्यमंत्रियों, केंद्रीय मंत्रियों, सुप्रसिद्ध उद्योगपतियों, अर्थशास्त्रियों, बैंकरों, नौकरशाहों जैसी हस्तियों के साक्षात्कार लेने का अवसर प्राप्त हुआ। महज़ 22 वर्ष की उम्र में ही वह अभ्युदय वात्सल्यम पत्रिका के संपादक बनाए गए। आज देश के शीर्षस्थ उद्योगपति, नौकरशाह और राजनेता समेत हर क्षेत्र के अग्रणी लोग आलोक को चिंतक, विचारक, लेखक, पत्रकार और संपादक के रूप में जानते और पहचानते हैं। उत्तर प्रदेश के कानून मंत्री श्री बृजेश पाठक द्वारा आलोक रंजन तिवारी को आउटस्टैंडिंग यंग जर्नलिस्ट का अवार्ड मिल चुका है।