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संपादक मण्डल

कृपाशंकर तिवारी

संस्थापक संपादक

वरिष्ठ पत्रकार श्री कृपाशंकर तिवारी अभ्युदय वात्सल्यम के संस्थापक - प्रधान संपादक हैं। श्री तिवारी पत्रिका के संस्थापक संपादक हैं और पूर्ण मनोयोग से पत्रिका के सफल प्रकाशन हेतु संकल्पित / समर्पित हैं। श्री तिवारी दिल्ली से प्रकाशित रही राष्ट्रीय समाचार पत्रिका ‘राजनीति सम्राट’ के पूर्व संपादक हैं। आपने अपनी पत्रकारिता की शुरुआत दिल्ली से प्रकाशित "प्रेडीकेट न्यूज़" नामक पत्रिका से की थी और कुछ समय बाद ही आप पूर्वांचल जनशक्ति और वर्ल्ड्स लाइट पत्रिका के संपादक बने। आप लगभग 12 वर्षों तक देश की राजधानी दिल्ली में रहे और ज़मीनी स्तर पर व्यापक संघर्ष करते हुए समाज कार्य एवं पत्रकारिता को समर्पित रहे।

आलोक रंजन तिवारी

प्रधान संपादक

अभ्युदय वात्सल्यम पत्रिका के प्रधान सम्पादक आलोक रंजन तिवारी विलक्षण प्रतिभा के धनी हैं। वर्तमान में श्री तिवारी कॉन्स्टेलर इंडिया के प्रमुख सलाहकार भी हैं। मुंबई विश्वविद्यालय से स्नातक की शिक्षा प्राप्त करने वाले आलोक रंजन तिवारी वर्तमान में नारसी मोंजी इंस्टिट्यूट ऑफ मैनेजमेंट स्टडीज से एमबीए (मार्केटिंग) कर रहे हैं। श्री तिवारी देश के उन चुनिंदा छात्रों में से एक रहे हैं जिन्हें भारतीय छात्र संसद को संबोधित करने का मौक़ा मिल चुका है। भारतीय छात्र संसद में उन्होंने "भारतीय लोकतंत्र में जातिवाद: समस्या एवं समाधान" विषय पर भाषण दिया था। इसके लिए उन्हें सर्वोत्कृष्ट वक्ता का पुरस्कार दिया गया था। आलोक के साथ मंच पर देश के सुप्रसिद्ध पत्रकार-चिंतक डॉ. वेदप्रताप वैदिक, सुप्रसिद्ध आध्यात्मिक गुरु एवं प्रवचनकर्ता आचार्य पुंडरीक महाराज, पतंजलि योगपीठ ट्रस्ट के ट्रस्टी हरिभाई शाह, तेलंगाना विधानसभा अध्यक्ष, अरुणाचल प्रदेश के विधायक और अन्य गणमान्य उपस्थित थे।

बचपन से मेधावी रहे आलोक रंजन तिवारी ही नहीं बल्कि उनके माता-पिता की भी इच्छा थी कि वह आईएएस बनकर देश की सेवा करें, लेकिन मुंबई आने के बाद वह पत्रकारीय वातावरण से प्रभावित हुए बिना नहीं रह सके। पिता के पत्रकार होने का असर स्वाभाविक रूप से उन पर पड़ा। लिहाज़ा, 12वीं की पढ़ाई के दौरान ही वह 'अभ्युदय वात्सल्यम' का काम-काज संभालने लगे। धीरे-धीरे संपादन और अन्य कार्यों में दक्ष होते गए। 19-20 वर्ष की अल्पायु में ही उन्हें देश के कई मुख्यमंत्रियों, केंद्रीय मंत्रियों, सुप्रसिद्ध उद्योगपतियों, अर्थशास्त्रियों, बैंकरों, नौकरशाहों जैसी हस्तियों के साक्षात्कार लेने का अवसर प्राप्त हुआ। महज़ 22 वर्ष की उम्र में ही वह अभ्युदय वात्सल्यम पत्रिका के संपादक बनाए गए। आज देश के शीर्षस्थ उद्योगपति, नौकरशाह और राजनेता समेत हर क्षेत्र के अग्रणी लोग आलोक को चिंतक, विचारक, लेखक, पत्रकार और संपादक के रूप में जानते और पहचानते हैं। उत्तर प्रदेश के कानून मंत्री श्री बृजेश पाठक द्वारा आलोक रंजन तिवारी को आउटस्टैंडिंग यंग जर्नलिस्ट का अवार्ड मिल चुका है।