देवेन्द्र फडणवीस हैं महाराष्ट्र के सर्वाधिक लोकप्रिय नेता

देवेन्द्र गंगाधरराव फडणवीस महाराष्ट्र की धरती पर और राज्य की राजनीति में उस व्यक्तित्व का नाम है, जिन्हाेंने अपने कर्म प्रकाश से कॉरपोरेटर के पद से राजनीतिक सोपान च़ढते हुए मुख्यमंत्री पद पर आसीन होने की यशस्वी यात्रा सम्पन्न की। इस समय आप विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष हैं। हालांकि, राजनीति आपको अपने पूज्य पिता श्री गंगाधरराव जी फडणवीस से विरासत में प्राप्त हुई। किन्तु,आपने जमीनी स्तर की सार्थक व जनसेवी राजनीति के माध्यम से अपनी एक अलग पहचान बनाई, और जन-जन के बीच अपने समाजसेवी व विकासपरक कायर्ाें से शीघ्र ही जनप्रिय हो गये। आपके पिता गंगाधर राव जी राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और जनसंघ से जु़डे हुए थे और आप नागपुर से राज्य विधान परिषद्‌ के सदस्य भी रहे। देवेन्द्र फडणवीस का जन्म २२ जुलाई, १९७० को नागपुर में हुआ। ब्राम्हण परिवार में जन्मे देवेन्द्र के पिता जहां राज्य विधान परिषद के सदस्य थे, वहीं आपकी पूज्य माता श्रीमती सरिता फडणवीस विदर्भ हाउसिंग व्रÀेडिट सोसायटी की निदेशक थीं। एक राष्ट्र भक्त, संस्कारवान राजनीतिक परिवार से सम्बद्ध होने के कारण देवेन्द्र बचपन से ही एक स्वाभिमानी, निडर एवं संवेदनशील विचाराें के प्रबुद्ध बालक थे। माता – पिता के द्वारा प्राप्त संस्काराें एवं विचाराें का गहरा प्रभाव देवेन्द्र पर प़डा और कालांतर में वह भी पिता की भांति समाजसेवी राजनीतिक पथ पर चल प़डे ।

देवेन्द्र फडणवीस की प्रारंभिक शिक्षा इंदिरा कॉन्वेन्ट से हुई। वह कॉन्वेन्ट स्कूल तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के नाम पर स्थापित था । आपातकाल के दिनाें में फडणवीस के पिता गंगाधरराव जनसंघ के सदस्य थे, जिन्हें सरकार विरोधी प्रदर्शन में हिस्सा लेने के कारण जेल में बंद कर दिया गया था। बालक देवेन्द्र की मनः स्थिति पर पिता के जेल में बंद होने की घटना का गहरा प्रभाव प़डा और देवेन्द्र ने इंदिरा गांधी के नाम से संस्थापित कॉन्वेन्ट स्कूल में प़ढने से इन्कार कर दिया । देवेन्द्र मानते थे कि इंदिरा गांधी के ही देश विरोधी व्रÀूर निर्णय के कारण देश को आपातकाल झेलना प़ड रहा है, इस लिए इंदिरा गांधी के नाम पर संचालित स्कूल में वह नहीं प़ढेंगे । बाद में आपको सरस्वती विद्यालय में स्थानांतरित कर दिया गया । आपने अपनी अधिकांश स्कूली शिक्षा सरस्वती विद्यालय में ही पूर्ण किया। १० वर्ष की स्कूली शिक्षा पूर्ण करने के पश्चात फडणवीस मध्यवर्ती शिक्षा प्राप्त करने हेतु धरमपे़ढ जूनियर कालेज में प्रवेश लिए। १२ वीं कक्षा की शिक्षा पूर्ण करने के पश्चात आपने पांच वर्ष की एकीकृत कानून की डिग्री लेने के लिए गवर्नमेंट लॉ कॉलेज, नागपुर में प्रवेश लिया और १९९२ में विधि स्नातक की उपाधि प्राप्त की। आप बिजनेस मैनेजमेंट में पोस्ट ग्रेजुएट हैं और डीएसई ( जर्मन- फाउण्डेशन फॉर इंटरनेशनल डेवलपमेंट) बर्लिन से प्रोडक्ट मैनेजमेंट के तरीकाें और तकनीकाें में आप के पास डिप्लोमा है । देवेन्द्र जी कोे हिंदू कानून में बोस पुरस्कार भी प्राप्त है।

२००६ में देवेन्द्र फडणवीस जी का विवाह एक संस्कारवान एवं शिक्षित परिवार की कन्या अमÀता रनाडे से हुआ। आपकी पत्नी श्रीमती अमÀता रनाडे जी एक्सिक बैंक में उच्च पदाधिकारी हैं। अमÀता जी सामाजिक कायर्ाें में गहन रुचि रखती हैं। गायन के क्षेत्र से भी आपका आत्मिक जु़डाव है और आप एक सफल गायिका भी हैं। आपकी पुत्री का नाम दिविजा है। आपके माता-पिता चिकित्सक हैं।

राजनीतिक यात्रा

कॉलेज के छात्र के रूप में ही आप अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के सवि्रÀय सदस्य थे। आप जमीनी स्तर पर कार्य करने वाले एक सवि्रÀय और कर्मठ कार्यकर्ता थे। आपने अपना प्रथम नगरपालिका चुनाव नागपुर के रामनगर वार्ड से जीता और पांच वर्ष पश्चात आप नागपुर नगर निगम के सबसे कम उम्र के महापौर बने। १९९९ में आप पहली बार महाराष्ट्र राज्य विधानसभा के लिए निर्वाचित हुए। आप २०१९ में पांचवीं बार विधायक के रूप में अपनी सेवाएं दे रहे हैं।
३१ अक्टूबर, २०१४ को आपने महाराष्ट्र के १८ वें मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली। १२ नवम्बर, २०१४ को आपकी सरकार ने विधान भवन में ध्वनिमत से विश्वास मत जीता और आपने सरकार बनाई।

मोदी और शाह के करीबी

देवेन्द्र फडणवीस को प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी तथा पूर्व भाजपाध्यक्ष श्री अमित शाह का भरोसेमंद और करीबी माना जाता है। लोकसभा चुनाव में नागपुर की सभा में मोदी जी ने देवेन्द्र की मुक्तकंठ से प्रशंसा की थी। चुनावाें से पूर्व ही दिल्ली में नरेन्द्र और महाराष्ट्र में देवेन्द्र के नारे लगाए जाने लगे थे। लोकसभा चुनाव से पूर्व ही देवेन्द्र फडणवीस ने महाराष्ट्र में भाजपा और विशेष रूप से मोदी को आगे ब़ढाने में अपनी पूरी शक्ति लगा दी थी। नरेन्द्र मोदी ने एक बार कहा था – देवेन्द्र सवि्रÀय जनसेवक हैं । वास्तव में, देवेन्द्र फडणवीस जी की प्रशंसा विरोधी पक्ष के नेता भी समय- समय पर करते रहे हैं। चुनाव से एक दिन पूर्व महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री श्री फथ्वीराज चव्हाण ने कहा था, देवेन्द्र फडणवीस मुख्यमंत्री पद हेतु सबसे योग्य चेहरा हैं।

देवेन्द्र फडणवीस को मोदी ही नहीं अपितु आरएसएस का भी समर्थन प्राप्त हुआ। फडणवीस की जन्मभूमि वहीं है नागपुर, जहां राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ का मुख्यालय है। पिता गंगाधरराव फडणवीस जनसंघ में सवि्रÀय थे तो आप बाल्यकाल से ही आरएसएस से जु़ड गये थे। आरएसएस के कार्यव्रÀमाें में मंच पर देवेन्द्र की उपस्थिति से अनुमान लगाया जा सकता है कि संघ से उनके रिश्ते कितने प्रगा़ढ हैं। सूत्राें के अनुसार – महाराष्ट्र बीजेपी के अध्यक्ष बनने से लेकर राज्य का मुख्यमंत्री बनने में भी देवेन्द्र के साथ राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का समर्थन रूपी आशीर्वाद सदैव रहा है।

महाराष्ट्र के तेजतर्रार युवा नेता देवेन्द्र फडणवीस ४४ वर्ष की उम्र में राज्य के मुख्यमंत्री बने। वे राज्य में भाजपा के नेतÀत्व में बनने वाली सरकार के प्रथम मुख्यमंत्री हैं। वास्तव में, देवेन्द्र जी उत्कृष्ट प्रतिभाशाली व्यक्तित्व हैं और इसी उत्कृष्ट प्रतिभा के आधार पर आपने सबसे कम २२ वर्ष की उम्र में कॉरपोरेटर, २७ वर्ष की उम्र में नागपुर के मेयर, पांच बार विधायक और ४४ वर्ष की उम्र में राज्य के सत्ता सिंहासन पर विराजमान हुए।
मराठा राजनीति और मराठा नेताओं के वर्चस्व वाले इस महत्वपूर्ण राज्य में युवा मुख्यमंत्री की राजनीतिक ज़डें काफी गहरी हैं और आप संघ तथा बीजेपी की अपेक्षाओं पर खरे उतरने वाले भरोसेमंद नेता के रूप में स्वयं को स्थापित करने में सफल रहे हैं।

२०१४ के विधानसभा चुनाव में भाजपा के सबसे ब़डे दल के रूप में उभरने के बाद मÀदुभाषी, विनम्र, सिद्धांतप्रिय, प्रभावशाली वक्ता एवं तेजतर्रार युवा नेता देवेन्द्र फडणवीस स्पष्ट रूप से राज्य में आरएसएस तथा भाजपा के सर्वाधिक पसंद वाले नेता बने, जिन्हें राज्य में सत्ता की बागडोर सौंपी गयी। एक चुनावी रैली को सम्बोधित करते हुए मोदी ने कहा था कि देवेन्द्र देश के लिए नागपुर का तोहफा हैं।

वैसे तो मोदी जी ने २०१४ में लोकसभा और महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव के दौरान अमेरिकी शैली में चुनाव प्रचार किया था, किन्तु इन चुनावाें में प्राप्त सम्मानजनक विजय का श्रेय तत्कालीन प्रदेश अध्यक्ष फडणवीस को भी दिया जाना चाहिए। शिवसेना तथा स्वाभिमानी शेतकरी पक्ष के साथ गठबंधन को ४८ लोकसभा सीटाें में से ४२ सीटाें पर विजय प्राप्त हुई थी।
विधानसभा चुनाव के ठीक पूर्व शिवसेना से सम्बन्ध विच्छेद होने के बाद भी भाजपा ने २८८ सदस्यीय विधानसभा में १२२ सीटाें पर विजय प्राप्त किया था। जबकि, २००९ में भाजपा को मात्र ४६ सीटें ही प्राप्त हुई थीं। उस समय चुनाव के लिए जिस प्रकार प्रबंधन का कला-कौशल देवेन्द्र ने दिखाया था, उसकी प्रशंसा मोदी और शाह दोनाें ने किया था।
जनसंघ से सम्बद्ध और बाद में भाजपा नेता रहे दिवंगत गंगाधरराव फडणवीस के पुत्र देवेन्द्र युवावस्था में ही राजनीति में प्रवेश किये और १९८९ में आप आरएसएस की छात्र इकाई अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद में शामिल हुए थे। आपके पिता दिवंगत गंगाधरराव जी को वरिष्ठ भाजपा नेता और केन्द्रीय मंत्री श्री नितिन गडकरी अपना राजनीतिक गुरु मानते हैं ।
देवेन्द्र फडणवीस ने १९९९ में पहली बार विधानसभा चुनाव ल़डा और विजयी हुए । अलग विदर्भ राज्य के पक्षधर देवेन्द्र ने फिर कभी पीछे मु़ड कर नहीं देखा तथा अनवरत पांच बार विधायक बने। महाराष्ट्र के अनेक नेताओं के विपरीत देवेन्द्र जी की राजनीतिक छवि बेदाग है। आपकी ईमानदारी, निष्ठा तथा कर्तव्य परायणता पर किसी भी प्रकार का सवाल अब तक किसी के भी द्वारा नहीं उठाया जा सका है। इसे देवेन्द्र जी की एक बहुत ब़डी उपलब्धि के रूप में देखा जाना चाहिए। राज्य में हुए कथित सिंचाई घोटाले के सम्बन्ध में पूर्ववर्ती सरकार को घरने का

कृपाशंकर तिवारी