आईटी इंडस्ट्रीः भारत की भावी प्रगति का रोडमैप

भारत में आईटी इंडस्ट्रीज की नींव उस वक्त पडऩा शुरू हुई थी, जब इलेक्ट्रॉनिक्स कमेटी उर्फ भाभा कमेटी ने साल १९६६ से लेकर ४१९७५ तक के लिए एक दस वर्षीय प्लान तैयार किया। इसके बाद आईटी क्षेत्र में भारत की यात्रा साल १९६७ में मुंबई में टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज की स्थापना के साथ शुरू हुई। आज देश का आईटी सेक्टर न सिर्फ भारत के भविष्य को आकार देने में अहम भूमिका निभा रहा है बल्कि पूरी दुनिया की निगाहें इस पर हैं। कई देशों को हमारा आईटी सेक्टर अपनी सर्विसेज दे रहा है।

आईटी एंड बीपीएम सेक्टर भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए सबसे महत्वपूर्ण विकास उत्प्रेरकों में से एक बन चुका है। इस क्षेत्र में एक के बाद एक इनोवेटिव डिजिटल एप्लीकेशंस के प्रसार के साथ, भारत अब अपनी आईटी क्रांति में विकास के अगले चरण के लिए तैयार है। वर्तमान में भारतीय आईटी फर्म्स के पूरी दुनिया में डिलीवरी सेंटर्स हैं। भारत की आईटी एंड बीपीएम इंडस्ट्री ँइएघ्,

टेलीकॉम और रिटेल जैसे वर्टिकल में अच्छी तरह से डायवर्सिफाई है। इतना ही नहीं, दुनिया भर में सॉल्युशंस डिलीवर करने के लिए भारत की आईटी कंपनियों और अंतरराष्ट्रीय कंपनियों के बीच रणनीतिक गठबंधन बढ़ रहा है।

भारत की वर्तमान तरक्की में आईटी का बहुत बड़ा योगदान है। भौगोलिक सीमाओं को तोडत़े हुए अलग-अलग देशों में उत्पाद इकाइयां बनाना, हर देश में उपलब्ध श्रेष्ठ संसाधन का उपयोग करना, विभिन्न देशों से काम करते हुए पूरे २४ घंटे अपने ग्राहक के लिए उपलब्ध रहना और ऐसे डेटा सेंटर बनाना, जो कहीं से भी इस्तेमाल किए जा सकें, ये कुछ ऐसे प्रयोग थे जो हमारे लिए काफी कारगर साबित हुए। आईटी उद्योग के तेज विकास में केंद्र सरकार की उदारीकरण नीतियों जैसे- व्यापार बाधाओं में कमी, प्रौद्योगिकी उत्पादों पर आयात शुल्क हटाया जाना का तो हाथ है ही। साथ ही सॉफ्टवेयर टेक्नोलॉजी पार्क, निर्यात उन्मुख इकाइयों, विशेष आर्थिक क्षेत्रों और प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (इघ्) जैसी कई अन्य सरकारी पहलों ने भी इस उद्योग की ग्रोथ को रफ्तार दी है।

आईटी क्षेत्र का भारत की जीडीपी में योगदान १९९८ में १.२ज्ञ् था। आंकड़ों के अनुसार, वित्त वर्ष २०२१-२२ में देश की जीडीपी में आईटी-बीपीएम क्षेत्र का योगदान करीब ७.४ज्ञ् रहा। अब २०२५ तक भारत की उझ् में आईटी सेक्टर का योगदान १०ज्ञ् पर पहुंचने का अनुमान है। देश की आईटी इंडस्ट्री ने वित्त वर्ष २०२२-२०२३ में लगभग 2.9 लाख कर्मचारियों को रोजगार दिया, जिनमें से १.५० लाख पुरुष और १.४० लाख महिलाएं रहीं।

रेवेन्यू की बात करें तो वित्त वर्ष २०२२-२३ में भारतीय आईटी इंडस्ट्री का रेवेन्यू पिछले १० वर्षों में सबसे तेजी से बढव़र २४५ अरब डॉलर हो गया। नैसकॉम का अनुमान है कि भारतीय आईटी उद्योग ११-१४ प्रतिशत की दर से बढत़े हुए वित्त वर्ष २०२५-२६ तक ३५० अरब अमेरिकी डॉलर का बन जाने का महत्वाकांक्षी लक्ष्य हासिल कर सकता है। हालांकि, यहां इस तथ्य को भी नहीं भूला जा सकता कि साल २०२२ में भारत के आईटी सेक्टर ने कर्मचारियों की बड़े पैमाने पर छंटनी भी देखी।

पिछले दो दशकों में भारत की आईटी इंडस्ट्री के तेजी से विकास ने इस क्षेत्र में भारत के ज्ञान और कौशल का लोहा पूरी दुनिया को मनवाया है। आज दुनिया की ५० प्रतिशत से ज्यादा आईटी जरूरतें भारत पूरी कर रहा है। हमारा देश दुनियाभर में आईटी कंपनियों के लिए टॉप मोस्ट ऑफशोरिंग डेस्टिनेशन है। पिछले एक दशक में भारत, दुनिया भर में सॉफ्टवेयर कंपनियों के लिए एक आईटी हब के रूप में उभरा है। ऑनलाइन रिटेलिंग, क्लाउड कंप्यूटिंग और ई-कॉमर्स आदि सभी आईटी उद्योग के तेजी से विकास में योगदान दे रहे हैं।

वैश्विक ग्राहकों को ऑन-शोर और ऑफ-शोर दोनों सेवाएं प्रदान करने में अपनी क्षमताओं को सिद्ध करने के बाद, उभरती टेक्नोलॉजीस अब भारत में टॉप आईटी फर्मों के लिए अवसरों का एक नया दायरा पेश करती हैं। दिसंबर २०२२ में, केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स व आईटी राज्य मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने राज्यसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में बताया था कि राज्य द्वारा संचालित सॉफ्टवेयर टेक्नोलॉजी पार्क्स ऑफ इंडिया और विशेष आर्थिक क्षेत्रों के साथ रजिस्टर्ड आईटी यूनिट्‌स ने वित्त वर्ष २०२१-२२ में ११.५९ लाख करोड़ रुपये मूल्य के सॉफ्टवेयर का निर्यात किया।

भारतीय सॉफ्टवेयर उत्पाद उद्योग के साल २०२५ तक १०० अरब अमेरिकी डॉलर तक पहुंचने की उम्मीद है। आंकड़ों के मुताबिक, वित्त वर्ष २०१९-२०२० में भारत में डेटा एनोटेशन बाजार २५ करोड़ अमेरिकी डॉलर का था। आर्टिफीशियल इंटेलीजेंस (एआई) के लिए बढत़ी घरेलू मांग के कारण २०३० तक इस बाजार के ७ अरब अमेरिकी डॉलर पर पहुंचने की उम्मीद है। एक

अनुमान यह भी है कि साल २०२६ तक व्यापक क्लाउड यूटिलाइजेशन १.४ करोड़ लोगों को रोजगार के अवसर प्रदान कर सकता हैै। भारत के आईटी सेक्टर में संभावनाओं को देखते हुए इसमें निवेश में भी इजाफा हो रहा है। अगर भारत का आईटी सेक्टर अनुमानों के अनुसार रफ्तार पकडव़र आगे बढत़ा रहा तो वह दिन दूर नहीं जब हम दुनिया के लिए इस क्षेत्र में एक महाशक्ति बन जाएंगे।

आलोक रंजन तिवारी