संजय लीला भंसाली की हीरोइन बनना मेरा सपना था – आलिया भट्ट

बॉलीवुड अभिनेत्री आलिया भट्ट ने मीडिया के साथ एक खास बातचीत में बताया कि गंगूबाई का किरदार उनके लिए कितना खास है। इसके साथ उन्होंने यह भी बताया कि अपनी सफलता, कंपलीमेंट्स और बुराई को वह किस तरह हैंडल करती हैं। पढ़िए बातचीत का प्रमुख अंश :

गंगूबाई करने के पीछे कोई खास कारण?

मेरे लिए सबसे जरूरी बात यह थी कि मुझे संजय सर के साथ काम करना था। मैं हमेशा से चाहती थी कि मैं उनकी फिल्म की हीरोइन बनूं और वह मुझे डायरेक्ट करें। इसके साथ ही मुझे नई कहानी भी मिली। जिस तरह से गंगूबाई के किरदार को दिखाया गया है। मुझे ऐसा लगता है कि इस तरह के किरदार को इस तरह से पर्दे पर दिखाए हुए काफी समय बीत चुका है। मैं पूरी तरह से तैयार थी। यह किरदार बहुत ही चैलेंजिंग होगा लेकिन इस फिल्म को करते वक्त बहुत ही मजा आया।

फिल्म को साइन करने से पहले क्या कभी आप रेड लाइट एरिया में गई हैं?

जी नहीं! फिल्म शुरू होने से पहले भी मैंने थोड़ा सा रिसर्च डॉक्यूमेंट्री के जरिए किया था। मैं वहां पर इसलिये नहीं गई क्योंकि मुझे लगा क्लीन स्लेट रखो। फिल्म की दुनिया फोकस करूं और कैरेक्टर पर ध्यान दूं। हमें उस दुनिया को दिखाना था तो मैंने इस बार वो सब नहीं किया जो करती आई हूँ।

फिल्म करते वक्त कोई ऐसा सीन जिससे करते हुए आप ब्रेकडाउन हो गई हों?

जी नहीं, लेकिन कई ऐसे सीन हैं जो मेरे दिल को छू गए थे। जब आप इमोशनल सीन करते हैं, तो कभी – कभी आपके अंदर उसका असर रह ही जाता है। अगर आप सच्चाई से अपनी परफॉर्मेंस दे रहे हैं तो वो होता ही है। इस फिल्म को करते वक्त कई बार मेरे साथ ऐसा हुआ।

करीना की चमेली फिल्म आपने देखी है और क्या उस फिल्म से कुछ लिया है?

हां! देखी है लेकिन बहुत पहले देखी थी। वह फिल्म भी कमाठीपुरा पर आधारित थी। यह फिल्म भी कमाठीपुरा पर आधारित है। कमाठीपुरा के बारे में इस फिल्म में बहुत कम दिखाया गया है। लेकिन औरतों के बारे में ज्यादा दिखाया गया है। गंगूबाई की जिंदगी को दिखाया गया है। उनकी लड़ाई को भी दिखाया गया है।

स्टार किड्स डेब्यू के वक्त काफी अच्छे से पेश आते हैं लेकिन सफलता मिलते ही बदल जाते हैं। लेकिन, आप अब तक वैसी ही हैं। कैसे संभालती हैं अपनी सफलता को?

जो भी मुझे जानते हैं वो जानते हैं कि मैं खुद से कितना प्यार करती हूं। लेकिन मैं खुद से ऑब्सेस्ड नही हूं। मैं अपने आपको बहुत प्यार और रिस्पेक्ट देती हूं। प्यार और रिस्पेक्ट के चलते मैं जो भी काम करती हूँ, काम खत्म होने के बाद मैं उससे डिटैच हो जाऊं। मैं अपने परिवार और रिश्तों पर ज्यादा ध्यान देती हूं।ऑनलाइन कांटेक्ट ज्यादा देखती हूं। बुक पढ़ती हूं, सोती हूं ,अपने पेट(जानवर) के साथ खेलती हूं। अब मैं इस मोड़ पर आ गई हूं और यह चीज सीख चुकी हूं, जो भी मैं काम कर रही हूं उस काम को खत्म होने के बाद मैं उससे अलग हो जाऊं। वह मेरी जिंदगी का एक हिस्सा है। मैं हर दिन 100% अपने काम को देती हूं। लेकिन मैं यह नहीं मानती थी काम ही मेरी जिंदगी में सब कुछ है। अगर काम ज्यादा हो जाता है और मुझे मेरा प्राइवेट टाइम चाहिए होता है तो मैं खुद सामने से अपने लिए काम से डिटैच होने के लिए 4 दिन का वक्त मांगती हूं।

यह मैं मानती हूं कि मेरा सक्सेस मेरे काम को लेकर है वह सिर्फ काम को लेकर ही हो तो बेहतर होगा। एक फिल्म से लेकर दूसरी फिल्म तक अगर मैं सिर्फ काम काम और काम सोचती रहूंगी तो वह मेरी मेंटल हेल्थ के लिए अच्छा नहीं होगा। इसलिए मैं अपने आप को समय देती हूं। अपने काम से थोड़ी दूरी बनाकर और यह मेंटल हेल्थ के लिए जरूरी है।

कंगना दूसरे स्टार किड्स के नाम पर विरोध करती दिखाई देती हैं लेकिन वह कई बार आपके काम की तारीफ कर चुकीं हैं। उनको बातों को लेकर आप क्या सोचती हैं ?

मैं ऐसी इंसान हूं कि ना तो मैं अपनी कामयाबी को सर पर चढ़ने देती हूं और ना ही नाकामयाबी को दिल में घर करने देती हूं। अगर मेरी कोई तारीफ करता है तो मैं उसे सर पर चढ़ने नहीं देती। और अगर मेरी कोई बुराई करता है तो मैं उसे दिल से नहीं लगाती। मैं बहुत ही ग्रेटफुल महसूस करती हूं जो भी काम करने का मुझे मौका मिला है। एक्ट्रेस के तौर पर मैं आगे चलकर बतौर एक्ट्रेस अपने काम को खूब मेहनत और शिद्दत से करूंगी। मैं कभी भी कंपलीमेंट्स को लेकर तुलना नहीं करती हूं। मेरा काम है अच्छा काम करना, और लोगों को अगर वह काम पसंद आ रहा है तो उसका बेनिफिट फिल्म को होना चाहिए। अगर ऐसा होता है तो यह मुझे खुशी देता है।

अभ्युदय वात्सल्यम डेस्क