बैंकिंग जगत के महारथी अरुण तिवारी

अरुण तिवारी इंडियन बैंक्स एसोसिएशन के उपाध्यक्ष भी रह चुके हैं। उन्होंने जिन राष्ट्रीय स्तर की समितियों में कार्य किया, वे हैं - अध्यक्ष, फिक्की की बैंकिंग और वित्तीय संस्थान समिति, सह-अध्यक्ष, बैंकिंग और वित्त पर सीआईआई की समिति, अध्यक्ष,जोखिम प्रबंधन और बेसल कार्यान्वयन पर स्थायी समिति आदि।

दि इंडसइंड बैंक की सफल विकास यात्रा को देखें तो अनिवार्य रूप से इसकी अगुआई करने वाले व्यक्तियों की चर्चा करनी होगी। इसमें जो सबसे प्रमुख नाम है, वह है इंडसइंड बैंक के चेयरमैन अरुण तिवारी। श्री तिवारी ने कैरियर बैंकर के रूप में उनतालीस वर्षों के अपने लंबे कार्यकाल के दौरान रणनीतिक योजना, परियोजना वित्त, जोखिम प्रबंधन, मानव संसाधन, सूचना प्रौद्योगिकी, क्रेडिट संचालन आदि के क्षेत्रों में व्यापक अनुभव प्राप्त किया है। उन्होंने दिसंबर २०१३ से जून २०१७ तक यूनियन बैंक ऑफ इंडिया के मुख्य प्रबंध निदेशक (सीएमडी)के रूप में कार्य किया। इससे पहले वे इलाहाबाद बैंक के कार्यकारी निदेशक थे। अपने मूल संगठन – बैंक ऑफ बड़ौदा में, उन्होंने सभी कार्यात्मक क्षेत्रों में देश और विदेश के विभिन्न केंद्रों में ३३ वर्षों तक काम किया। श्री तिवारी ने यूनियन एसेट मैनेजमेंट कंपनी के बोर्ड में अध्यक्ष और गैर-कार्यकारी निदेशक के रूप में भी काम किया है।

अपने लंबे करियर में उन्होंने न्यू इंडिया एश्योरेंस कंपनी लिमिटेड, जनरल इंश्योरेंस कॉरपोरेशन लिमिटेड, एक्सपोर्ट क्रेडिट गारंटी कॉरपोरेशन लिमिटेड के बोर्ड में भी काम किया है। वे इंडियन बैंक्स एसोसिएशन के उपाध्यक्ष भी रह चुके हैं। उन्होंने जिन राष्ट्रीय स्तर की समितियों में कार्य किया, वे हैं – अध्यक्ष, फिक्की की बैंकिंग और वित्तीय संस्थान समिति, सह-अध्यक्ष, बैंकिंग और वित्त पर सीआईआई की समिति, अध्यक्ष,जोखिम प्रबंधन और बेसल कार्यान्वयन पर स्थायी समिति आदि।

अरुण तिवारी के पास रसायन विज्ञान में स्नातकोत्तर की उपाधि है। अपने करियर के दौरान उन्होंने विश्व बैंक के तत्वावधान में कई असाइनमेंट भी किए हैं। इसके अलावा वे केलॉग स्कूल ऑफ मैनेजमेंट, आर्थर डी लिटिल (बोस्टन), आईएसबी(हैदराबाद), आईआईटी, (मुंबई)आदि संस्थानों के कई महत्त्वपूर्ण कार्यक्रमों का हिस्सा भी रह चुके हैं।

अभ्युदय वात्सल्यम डेस्क