वैश्विक उद्योग जगत के महारथी गौतम अदानी

आज अपनी औद्योगिक छत्रछाया में गौतम अदानी हजाराें लोगाें को रोजगार प्रदान करते हुए जहां लाखाें लोगाें के लिए सम्मान जनक जीवन यापन हेतु आधार स्तम्भ बने हुए हैं, वहीं राष्ट्रीय – अंतर्राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था को गति तथा समद्धि प्रदान करते हुए अपना श्रेष्ठ मानवीय कर्तव्य निर्वहन कर ईश्वर द्वारा विनिर्मित इस संसार को सुखमय व खुशहाल बनाने हेतु अपने अनेक जनकल्याणकारी कार्यों के जरिए महान कार्य कर रहे हैं।

गौतम अदानी भारत ही नहीं अपितु दुनिया के सफल व शीर्षस्थ उद्योगपतियाें में महत्वपूर्ण स्थान रखते हैं।

इस सष्टि के आधार स्तम्भ, रचनाकार और सर्व शक्तिमान परम सत्ता अर्थात परमात्मा की लीला अति विचित्र है। इस सÀष्ट्रि के संचालन हेतु ईश्वर को कुछ भी नहीं करना प़डता है, संकल्प मात्र से ही सÀष्टि के समस्त कार्य सम्पन्न होते हैं। इस अद्भुत सÀष्ट्रि के समस्त कायर्ाें को मूर्तरूप देने हेतु ईश्वर हमें निमित्त बना कर अपनी लीला को सम्पन्न करते हैं। जैसे एक सूक्ष्म बीज में विराट कक्ष छिपा होता है, ठीक उसी प्रकार एक साधारण व्यक्ति में भी असाधारण व्यक्तित्व छिपा होता है। अपने नाम के अनुरूप ही गुण (विशेषता) धारण करने वाले गौतम अदानी यथा नामो-तथा गुणो की उक्ति को सार्थकता प्रदान करने वाले विलक्षण प्रतिभा के धनी हैं। गौतम अदानी को आज अपनी दूरदर्शिता, व्यावसायिक पराव्रÀम, कर्मठता, कुशल व्यावसायिक रणनीति व श्रेष्ठ प्रबन्धकीय गुणाें के कारण वैश्विक औद्योगिक जगत के महारथियाें में से एक प्रमुख महारथी का शाही रुतबा हासिल है।

गौतम अदानी ने इंटरमीडिएट के बाद गुजरात विश्व विद्यालय में बीकॉम में प्रवेश तो ले लिया किन्तु अर्थाभाव के कारण प़ढाई बीच में ही छो़डनी प़डी और आजीविका के लिए संघर्ष करने मुम्बई आ गये।

एक साधारण व्यक्ति के रूप में जीवन संग्राम में संघर्ष करते हुए असाधारण व्यक्तित्व बने गौतम अदानी स्वभाव से अत्यंत सरल, विनम्र सिद्धांतप्रिय और उदार व्यक्ति हैं। आप स्वयं में आत्म नियंत्रित एवं अन्तर्मुखी स्वभाव के शानदार व्यक्तित्व हैं, बेहतरीन इन्सान हैं। यर्थाथ के धरातल पर जीवन जीने वाले गौतम अदानी गम्भीर प्रकृति के नरम दिल इन्सान हैं किन्तु बनावटी चीजें उन्हें बिल्कुल नहीं पसन्द हैं। अपने इन्हीं महान गुणाें के आलोक में गौतम भाई असंख्य लोगाें के लिए प्रेरणास्त्रोत बने हुए हैं जो पुरुषार्थ, कर्मठता, लगन और क़डी मेहनत की पूंजी के सहारे जीवन में महान लक्ष्य प्राप्त करना चाहते हैं।

आज अपनी औद्योगिक छत्रछाया में गौतम अदानी हजाराें लोगाें को रोजगार प्रदान करते हुए जहां लाखाें लोगाें के लिए सम्मान जनक जीवन यापन हेतु आधार स्तम्भ बने हुए हैं, वहीं राष्ट्रीय – अंतर्राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था को गति तथा समद्धि प्रदान करते हुए अपना श्रेष्ठ मानवीय कर्तव्य निर्वहन कर ईश्वर द्वारा विनिर्मित इस संसार को सुखमय व खुशहाल बनाने हेतु अपने अनेक जनकल्याणकारी कार्यों के जरिए महान कार्य कर रहे हैं।
गौतम अदानी भारत के सफल व शीर्षस्थ उद्योगपतियाें में महत्वपूर्ण स्थान रखते हैं तथा उन्हें एशिया तथा भारत में दूसरे सबसे ब़डे औद्योगिक साम्राज्य के सम्राट का सम्मान व ऐश्वर्य प्राप्त है। गौतम अदानी को वर्तमान में प्राप्त अन्तरराष्ट्रीय औद्योगिक जगत में शानदार स्थिति बहुत सरलता और सहजता से नहीं प्राप्त हुई है। इसे प्राप्त करने में उन्हें बहुत संघर्ष करना प़़डा है, तथा अनेक उलाहनाें एवं आरोपांे को भी झेलना प़डा है। गौतम जी का जन्म निम्न मध्यम वर्गीय परिवार में हुआ। घर की आर्थिक स्थिति अच्छी न होने के कारण उन्हें प़ढाई बीच में ही छो़डनी प़डी। आज वही गौतम अदानी ईश्वर की कृपा तथा अपने पुरुषार्थ के बल पर वैश्विक औद्योगिक क्षितिज पर दैदीप्यमान नक्षत्र की भांति चमक रहे हैं।
गौतम अदानी, अदानी समूह के संस्थापक तथा अध्यक्ष हैं। आपने वर्ष १९९८ में अदानी समूह की स्थापना किया और अपनी कुशल व्यावसायिक रणनीति तथा बेहतरीन प्रबन्धन के कारण आज अदानीी समूह नित नवीन व्यावसायिक बुलंदियाें को छू रहा है। अदानी समूह कोयला व्यापार, कोयला खनन, तेल एवं गैस की खोज, बंदरगाहाें कमोडिटी, बिजली उत्पादन, कृषि, खाद्य तेल, संचरण और गैस वितरण का व्यापार करता है। अदानी समूह इस समय देश के अनेक हवाई अड्डाें के प्रबन्धन का जिम्मा भी संभाल रहा है।

जन्म तथा पारिवारिक फष्ठभूमि

गौतम अदानी का जन्म २४ जून, १९६२ को अहमदाबाद के गुजराती जैन परिवार में हुआ। अदानी जी के पिता श्री. शांतिलाल अदानी आजीविका हेतु थरा़ड कस्बे से गुजरात के इस उत्तरी भाग में आकर बस गये थे। गौतम भाई, छः भाई बहन हैंै। संघर्ष के दिनांे मेंे अदानी परिवार अहमदाबाद स्थित पोल इलाके की शेठ चाल में रहता था। आज अपनी क़डी मेहनत, लगन और व्यावसायिक कुशलता के कारण गौतम अदानीी वैश्विक औद्योगिक जगत में एक शानदार और असरदार उद्योगपति के रूप में सम्मानित हैं, जिन्हाेंने अदानी समूह को दुनिया के मानचित्र पर एक सफल औद्योगिक समूह के रूप मेंे स्थापित किया है।

जीवन का संघर्ष शुरू हुआ मुम्बई में

जीवन के सम्मानजनक निर्वाह में जब बाधा उत्पन्न होती है, तो समझिये यहीं से जीवन का असली संघर्ष शुरू होता है। दुनिया के अनेक महान लोगाें के जीवन में एक समानता अधिकाधिक रूप में पाई जाती है कि, वे जीवन में संघषाे और कठिनाइयाें से अवश्य गुजरे हैं। यह ईश्वरीय विधान प्रतीत होता है कि बिना संघर्ष और कठिनाइयाें के कोई महान नहीं बनता। यह प्राकृतिक सिद्धान्त दुनिया के अनेक क्षेत्राें के दिग्गज विभूतियाें के निर्माण में महत्वपूर्ण कारक रहा है और इसी महत्वपूर्ण कारक ने गौतम अदानी को भी एक ब़डे उद्योगपति के रूप में स्थापित किया।
गौतम अदानी ने इंटरमीडिएट के बाद गुजरात विश्व विद्यालय में बीकॉम में प्रवेश तो ले लिया किन्तु अर्थाभाव के कारण प़ढाई बीच में ही छो़डनी प़डी और आजीविका के लिए संघर्ष करने मुम्बई आ गये। उस समय गौतम अदानी की किशोरावस्था थी, उम्र १७-१८ वर्ष। पास में कुछ रुपये थे। अपने पुरुषार्थ और संघर्ष से अपने भाग्य का निर्माण करने वाले गौतम अदानी परिवार को आर्थिक तंगी से निकालने हेतु तथा अपने जीवन के सपनाें को साकार करने हेतु जीवन संग्राम में उतर गये और मुम्बई के हिन्द्रा ब्रदर्स में तीन सौ रुपये प्रति माह की नौकरी करने लगे। उनके पिता श्री. शांतिलाल अदानी जी, गौतमभाई के निर्णय से प्रसन्न नहीं थे किन्तु अपनी लगन के पक्के गौतम जी ने वही किया जो उन्हें उचित लगा। गौतम भाई अपने सपनाें को साकार करने के लिए संघर्ष हेतु खुद को आन्तरिक रूप से तैयार कर चुके थे और कदम आगे ब़ढने लगे। वे ३०० रु. महीने की नौकरी करने के लिए नहीं पैदा हुए थे। उन्हाेंने २० वर्ष की उम्र में अर्थात्‌ २ वर्ष बाद ही डायमंड सार्टर के रूप में शुरुआत की और कुछ वषर्ाें के पश्चात्‌ मुम्बई स्थित झवेरी बाजार में स्वयं की डायमंड ब्रोकरेज फर्म शुरू कर दिया। उनके श्रेष्ठ कर्म को भाग्य का भी अच्छा सहयोग मिला और प्रथम वर्ष में ही कम्पनी ने लाखाें का टर्न ओवर किया। इसके बाद भाई श्री मनसुख लाल के कहने पर वह (मुम्बई में कुछ वर्ष व्यतीत करने के बाद) अपने भाई की प्लास्टिक फैक्ट्री में काम करने के लिए वापस अहमदाबाद आ गय। यहाँ गौतम जी ने पी.वी.सी. अर्थात्‌ पालिविनाइल क्लोराइड का इम्पोर्ट शुरू करने का निर्णय लिया और ग्लोबल ट्रेडिंग में प्रवेश किया। यहाँ उल्लेखनीय है कि, प्लास्टिक निर्माण में पी.वी.सी. का व्यापक रूप से उपयोग होता है।

अदानी समूह की स्थापना

प्लास्टिक व्यवसाय से पंूजी इकठ्ठी होने के बाद सन्‌ १९८८ ई. में गौतम जी ने अदानी एक्सपोर्ट लिमिटेड की स्थापना की। यह कम्पनी पॉवर तथा कमोडिटीज के क्षेत्र में कार्यरत हो गयी। शनैः – शनैः एक्सपोर्ट का व्यवसाय गतिशील होता गया और उन्हाेंने पोर्ट सहित अनेक कारोबार शुरू किये तो सब में सफलता मिलती गयी।
इस सफलता का श्रेय गौतम अदानी की इस दूरदर्शिता, मेहनत, कुशल रणनीति के साथ-साथ ईश्वर को देना ज्यादा उचित होगा।

पी.वी.सी. के आयात में ब़ढोत्तरी होती रही और वर्ष १९८८ में अदानी समूह पॉवर तथा एग्री कमोडिटी में अधिकाधिक रूप से सुस्थापित हो गया।

वर्ष, १९९१ अदानी समूह के लिएक्रांतितिकारी रूप से परिवर्तनकारी सिद्ध हुआ। १९९१ में हुए आर्थिक सुधाराें के कारण अदानी का कारोबार शीघ्र ही डायवर्सिफाई हुआ और एक मल्टीनेशनल बिजनेस मैन बन गये। वर्ष, १९९५ अदानी के लिए अत्यंत लाभप्रद रहा । उसी समय उनकी कम्पनी को मुंद्रा पोर्ट के संचालन का कान्ट्रैक्ट मिला था। गौतम अदानी ने अपने कारोबार में विविधता को जारी रखा तथा १९९६ में अदानी पॉवर लिमिटेड की स्थापना हुई। दस वर्ष पश्चात्‌ कम्पनी पॉवर जनरेशन के कारोबार में भी उतरी।
इस समय गौतम अदानी का कारोबार अनेक क्षेत्राें में विस्तारित है। आप कोयला खनन के क्षेत्र में सबसे ब़डे कॉन्ट्रैक्ट माइनर के रूप में स्थापित हैं और उनके पास देश का सबसे एफिशिएंट कोल बेस्ड पॉवर प्लांट भी है। मुन्द्रा बंदरगाह के माध्यम से पोर्ट सेक्टर में उनकी दमदार उपस्थिति तो दर्ज हो ही गयी थी। उनकी नजर सीमेंट का कारखाना लगाने से लेकर इन्प्रÀास्ट्रक्चर क्षेत्र में रोड कन्स्ट्रक्शन, डिफंेस प्रोडक्शन और रेलवे पर गयी। उन्हाेंने अपनी ६-७ छोटी-छोटी रेलवे लाईनाें को कंसोलिडेट कर एक रेलवे ट्रैक प्रबंधन कम्पनी पहले ही बना ली।

क्रांतिकारी परिवर्तन

लगभग सा़ढे तीन दशक के व्यावसायिक अनुभवशील गौतम अदानी अपने परिवार के पहले उद्योगपति हैं। उनके बचपन के मित्र मलय महादेविया हैं, जिनके साथ गौतम जी अहमदाबाद शहर में स्कूटर पर बैठकर घूमते थे। मलय महादेविया जी अब अदानी समूह के साथ अदानी पोर्ट और सेज लिमिटेड में डाइरेक्टर के रूप में अपनी सेवाएं दे रहे हैंै। ब्लूमबर्ग बिलेनियर इंडेक्स के अनुसार इस समय गौतम अदानी तकरीबन ६७.६ अरब डॉलर की विपुल सम्पत्ति के स्वामी हैंै। उनके पास देश की सबसे ब़डी निर्यात कम्पनी है। गौतम अदानी के पास खुद का ब्रीच व्रÀापट और हॉकर जेट भी है । विगत दिनाें गौतम अदानी ने उत्तर प्रदेश में ३५,०००/- करो़ड के भारी निवेश की घोषणा की।

कठिनाइयाँ भी कम नही रहीं

गौतम जी के समक्ष अनेक कठिनाईयाँ भी आईर्ं लेकिन उन्हाेंने अपने विवेक, धैर्य और आत्मबल के सहारे सदैव उन पर विजय पाई।

एक बार ९० के दशक में फिरौती के लिए गौतम अदानी को अपहÀत भी किया गया था। इसलिए, उनकी सुरक्षा व्यवस्था अब काफी सÀदृ़ढ रहती है। एक और ब़डे संकट से गौतम अदानी का सामना हुआ था, जब २६ नवम्बर २००८ को मुम्बई में आतंकवादी हमला हुआ था। ताजमहल होटल पर भी आंतकवादी हमला हुआ था और गौतम अदानी उस समय ताजमहल होटल में ही थे। भगवान की कृपा से गौतम भाई सुरक्षित रहे और आज औद्योगिक जगत में एक प्रकाश पुंज बनकर असंख्य जनाें के लिए मार्गदर्शक बने हुए हैं।

खुद के बल पर औद्योगिक जगत  की दिग्गज हस्ती बने गौतम जी

गौतम अदानी शुरू से ही एक प्रतिमा सम्पन्न एवं अंतर्मुखी व्यक्ति रहे हैं। वह किसी भी कार्य की व्यवस्थित रुपरेखा तैयार कर, उसे एक प्रभावी रणनीति के माध्यम से पूरा करने में विश्वास रखते हैंै। गौतम अदानी एक धैर्यवान और आत्मविश्वास से परिपूर्ण व्यक्तित्व के स्वामी हैं। उनके गगनचुम्बी उत्थान में उनकी तीव्र्र बुद्धि, कुशल रणनीति और आत्मविश्वास का विशेष योगदान है। गौतम अदानी ने स्वयं के बल पर अन्तर्राष्ट्रीय औद्योगिक जगत में अपनी कामयाबी का परचम लहराया है। भगवान की कृपा और गौतम भाई की दूरदृष्टि, पुरुषार्थ तथा महत्वाकांक्षी योजनाओं की ही देन है कि जो गौतम भाई घर की माली हालत ठीक न होने के कारण अपनी ग्रेजुएशन की प़ढाई छो़डकर मामूली सी नौकरी करने लगे थे, वही आज हजाराें लोगाें को रोजगार देकर एक महान कार्य कर रहे हैं।
देश-दुनिया के रईसाें में एक प्रतिष्ठित नाम बन चुके गौतम भाई अदानी ने अपनी व्यावसायिक यात्रा मारुति-८०० से शुरू की थी और आज उनके व्यावसायिक पराक्रम का ही प्रभाव है कि अनके पास बी.एम.डब्ल्यू गाडियाें का एक बहुत ब़डा बे़डा है, हेलीकॉप्टर, चार्टर्ड प्लेन और ब्रीच क्रपट विमान आदि हैं।

गौतम अदानी एक धैर्यवान और आत्मविश्वास से परिपूर्ण व्यक्तित्व के स्वामी हैं। उनके गगनचुम्बी उत्थान में उनकी तीव्र्र बुद्धि, कुशल रणनीति और आत्मविश्वास का विशेष योगदान है।

विदेशाें में विस्तारित कारोबार

दुनिया के अनेक देशाें में अदानी समूह का कारोबार फैला हुआ है। २०१० में अदानी के इंडोनेशिया में माइनिंग के कारोबार का श्री गणेश किया और २०११ में ऑस्ट्रेलिया के अबॉट पॉइंट कोल टर्मिनल को २.७२ अरब डॉलर में अदानी समूह ने खरीदा है। गत एक वर्ष में कोविड की वैश्विक संकटपूर्ण स्थिति के बावजूद अधिग्रहणाें और बुनियादी ढांचे वाली परियोजनाओं के कारण आपकी व्यावसायिक किस्मत रंग लाई और आपने लंबी छलांग लगाई तथा परिणाम स्वरूप अदानी समूह की आधा दर्जन कम्पनियाँ मावेट रेट के हिसाब से भारत की १०० सबसे ज्यादा वैल्यू वाली कम्पनियाें में सम्मिलित हो गयीं। वर्ष २०२०-२१ अदानी समूह के लिए काफी अच्छा रहा। इस दौरान गौतम अदानी ने अनेक बंदरगाहाें, एयर पोर्ट्‌स, डेटा सेन्टर्स, सोलर पी.वी. मैन्युफैक्चरिंग, पॉवर एण्ड कोल जनरेशन कैपेसिटी आदि को अपनी कम्पनी के एस्टेट में जो़डा। उपरोक्त पर या तो अदानी समूह का प्रत्यक्ष स्वामित्व है या फिर समूह की कम्पनियाें द्वारा इनका प्रबंधन किया जाता है।

मशहूर फाच्र्यून ब्राँड के उत्पादन

वर्ष १९९९ में अदानी समूह ने विलमर – इन्टरनेशनल के साथ एक संयुक्त उपव्रÀम स्थापित किया जिसके माध्यम से एम.एम.जी.सी. (फास्ट मूविंग कन्जयूमर फुडस्‌) का कारोबार किया जाता है। यह देश की तीव्र गति से आगे ब़ढती फूड एफ. एम. जी. सी. कम्पनियाें में प्रमुख स्थान रखती है। इसके अन्तर्गत फाच्र्यून ब्राँड के अनेक उत्पादाें का कारोबार किया जाता है।

रिन्यूएबल सेक्टर की सबसे ब़डी डील

पिछले दिनाें अदानी ग्रीन एनर्जी, जो कि अदानी समूह की कम्पनी है के द्वारा जापान के सॉपट बैंक और भारत के भारती समूह से एक ब़डी डील की गई। इसके अन्तर्गत एस.बी. एनर्जी पोर्टफोलियो में ४,९५४ मेगावाट की क्षमता जु़ड जायेगी। यह डील ३.५ अरब अमेरिकी डॉलर (लगभग २५,५०० करो़ड रुपये) का है।

अभ्युदय वात्सल्यम डेस्क