अदानी समूह का क्रमिक विकास

पच्चास देशाें में, ७० स्थानाें पर व्यावसायिक संचालन के साथ अदानीी समूह का सालाना राजस्व १५ बिलियन यूएस डॉलर से अधिक है और अदानी समूह का बाजार पूँजीकरण १३१.१६ बिलियन डॉलर से अधिक है।

दानी समूह एक भारतीय बहुराष्ट्रीय समूह है, जिसका हेड क्वार्टर अहमदाबाद, गुजरात में स्थित है। १९८८ में गौतम अदानी ने इसकी स्थापना की थी। इसकी स्थापना प्रमुख कम्पनी अदानी इंटरप्राइजेज लि. (अदानी एक्सपोर्टस्‌ लिमिटेड) के साथ एक कमोडिटी ट्रेनिंग व्यवसाय के रूप में की थी। अदानी समूह के अनेक व्यवसायाें में ऊर्जा, संसाधन, कमोडिटी, कृषि व्यवसाय, रियल स्टेट, वित्तीय सेवाएं, रक्षा और एयरो-स्पेस का समावेश है। पच्चास देशाें में, ७० स्थानाें पर व्यावसायिक संचालन के साथ अदानीी समूह का सालाना राजस्व १५ बिलियन यूएस डॉलर से अधिक है और अदानी समूह का बाजार पूँजीकरण १३१.१६ बिलियन डॉ-लर से अधिक है। अदानी समूह मुंद्रा पोर्ट सहित दस बंदरगाहाें और टर्मिनलाें के साथ भारत का सबसे ब़डा बंदरगाह विकासकर्ता और ऑपरेटर है। सिंगापुर में विलमर इंटरनेशनल के साथ एक ज्वाइंट वेन्चर के माध्यम से अदानीी समूह भारत के सबसे ब़डे खाद्य तेल ब्राँड फाच्र्यून ऑइल का सह स्वामी है।
अप्रैल, २०१४ में अदानी समूह के साथ तिरोडा थर्मल पॉवर स्टेशन में ६६० मेगावाट की चौथी युनिट के जु़ड जाने से अदानीी पॉवर भारत का सबसे ब़डा विद्युत उत्पादक बन गया।
द ब्राँड ट्रस्ट रिपोर्ट, २०१५ के द्वारा अदानी को भारत का सर्वाधिक भरोसेमंद बुनियादी ढाँचा ब्राँड का दर्जा प्रदान किया गया। अदानी समूह द्वारा भारत, इंडोनेशिया और ऑस्ट्रेलिया मेंं खदानाें का संचालन किया जाता है। अदानीी समूह द्वारा बांग्लादेश, चीन तथा दक्षिण पूर्व एशिया के देशाें को कोयले की आपूर्ति भी की जाती है। २०१८ के जनवरी महीने में अदानी समूह की कमोडिटी और एस.ई.जेड. शाखा, अदानी पोर्टस्‌ एण्ड एस.ई.जेड ने भारत में सबसे ब़डा ड्रेजर बे़डा बनने के लिए उपकरणेंे और मशीनरी को जो़डा। यह समूह भारत में हाई वोल्टेज डी. सी. बनाने वाला भी पहला समूह है। २०१२ में सिस्टम शुरु हुआ है। १९८८ में एक कमोडिटी ट्रेडिंग फर्म के रूप में अदानी समूह ने अपनी शुरूआत की।
१९८० में अपने व्यापारिक कायर्ाें को आधार प्रदान करने के व्रÀम में अदानी समूह द्वारा मुंद्रा में अपना बंदरगाह विकासित किया गया। १९९५ में मुंद्रा में इसका निर्माण प्रारंभ हुआ। १९९८ में यह बंदरगाह शीर्ष स्तर पर विदेशी मुद्रा अर्जित करने वाला बंदगाह बन गया। १९९९ में कम्पनी द्वारा कोयला व्यवसाय शुरू किया गया तथा २००० में अदानी विलमर के संयुक्त उद्यम के माध्यम से खाद्य तेल शोधन शुरू किया गया।
अदानी समूह का दूसरा चरण बुनियादी ढाँचे की सम्पत्ति के निर्माण के साथ आरंभ हुआ। सपत्ति द्वारा देश और विदेश में बंदरगाहाें, बिजली संयंत्राें, खानों, जहाजाें और रेलवे लाइनाें का एक पोर्ट फोलियो स्थापित किया गया। समूह ने २००२ में मंुद्रा में ४ मिलियन टन कागाे संभाला और इस प्रकार मुंद्रा भारत का सबसे ब़डा निजी बंदरगाह बन गया। वर्ष २००६ में कम्पनी ११ मैट्रिक टन कोयले की हैण्डलिंग के साथ भारत में सबसे ब़डी कोयला आयातक बन गयी। इसके बाद वर्ष २००८ में कम्पनी ने इंडोनेशिया में बुन्यू माइन को खरीदा और अपने कारोबार को विस्तारित किया, जिसमें १८० मीटरिक टन कोयला भंडार है। वर्ष २००९ कम्पनी द्वारा ३३० मेगावाट थर्मल पॉवर का उत्पादन शुरू किया गया। इसने भारत में २.२ मिलियन टन प्रतिवर्ष की खाद्य, तेल शोधन क्षमता का निर्माण किया।
इस प्रकार अदानी इंटर प्राइजेज ६० प्रतिशत बाजार हिस्सेदारी के साथ कायले का आयात करने वाला भारत का सबसे ब़डा व्यापारिक घराना हो गया। कम्पनी एनटीपीसी को भी कोयले की आपूर्ति करती है। सम्प्रति, अदानी समूह भारत की सबसे ब़डी कोयला खनन कम्पनी है।
अदानी समूह को यह स्थिति २०१० में उ़डीसा खदान के अधिकार प्राप्त करने के बाद हासिल हुई। २०११ में दहेज बंदरगाह पर संचालन प्रारम्भ हुआ और बाद में इसकी क्षमता में कद्धि के बाद यह २० मीटरिक टन हो गयी।
कम्पनी द्वारा १०.४ गीगा टन कायेला भण्डार के साथ ऑस्ट्रेलिया में गैलीन बेसिन खदान भी खरीदा गया। इसने मुंद्रा में कोयला आयात टर्मिनल के लिए ६० एम.टी. की हैण्डलिंग क्षमता को भी चालू किया, जिसके परिणाम स्वरूप यह दुनिया का सबसे ब़डा बंदरगाह बन गया। इसके अतिरिक्त इसी वर्ष अदानी समूह ने आस्ट्रेलिया में एबॉट पॉइंट पोर्ट भी खरीदा, जिसमें ५० एम. टी. हैण्डलिंग कैपेसिटी थी। इसने ४० मेगावाट क्षमता के साथ भारत का सबसे ब़डा सौर ऊर्जा संयंत्र चालू किया।

अदानी इंटर प्राइजेज ६० प्रतिशत बाजार हिस्सेदारी के साथ कायले का आयात करने वाला भारत का सबसे ब़डा व्यापारिक घराना हो गया। कम्पनी एनटीपीसी को भी कोयले की आपूर्ति करती है।

जैसे ही कंपनी ने ३९६० मेगावॉट क्षमता प्राप्त की, यह भारत में निजी क्षेत्र की सबसे ब़डी ताप विद्युत उत्पादक बन गयी।
२०१२ में कंपनी ने अपना ध्यान तीन प्रमुख व्यावसायिक विन्दुओं पर केंद्रित करते हुए संसाधनों, कमोडिटी और उर्जा को प्रमुखता दी। समूह ने ऑस्टे्रलिया में ५० (एम.टी.) हैण्डलिंग क्षमता के साथ एबॉट पाइंट पोर्ट भी खरीदा। इसने ४० मेगावाट क्षमता के साथ भारत का सबसे ब़डा सौर ऊर्जा संयंत्र चालू किया। जैसे ही फर्म ने ३९६० मेगावाट क्षमता हासिल की, यह भारत में निजी क्षेत्र की सबसे ब़डी ताप विद्युत उत्पादक बन गयी। अदानी पॉवर २०१४-२०२० में भारत के सबसे ब़डे निजी बिजली उत्पादक के रूप में स्थापित हो गया।
अदानी पॉवर की मूल स्थापित क्षमता ९२८० मेगावाट थी। मुंद्रा पोर्ट, अदानी पोर्ट्‌स एण्ड एस. ई. जेड लिमिटेड (ए. पी. एस. ई जेड.) ने वित्तीय वर्ष २०१३-१४ में १०० मिलियन टन का संचालन किया। उसी वर्ष १६ मई को अदानी पोर्ट्‌स ने भारत के पूर्वी तट पर धामरा पोर्ट को ५,५०० करोड रुपये मंे अधिग्रहित किया। धामरा पोर्ट, टाटा स्टील और एल. एंड. टी.इंन्प्रÀास्ट्रक्चर डेव्हलपमेंट प्रोजेक्टस की आधी-आधी भागीदारी का उद्यम था, जिसे अब अदानी पोर्ट्‌स ने अधिग्रहित कर लिया है। मई २०११ में कागाे का परिचालन शुरु हुआ और वर्ष २०१३-१४ में १४.०३ एमटी के कुल कागाे को संभाला, धामरा पोर्ट के अधिग्रहण के साथ समूह वर्ष २०२० तक २०० मीटरिक टन से अधिक की क्षमता ब़ढाने की योजना में सफल रहा।

अदानी पोट्‌र्स एंड. एस. ई. जेड को भारत में सबसे ब़डे वाणिज्यिक बंदरगाह ऑपरेटर के रूप में स्थिति और प्रसिद्धि प्राप्त है। क्याेंकि, यह भारत में होने वाले कागाे परिवहन के एक चौथाई से अधिक के लिए उत्तरदायी है।

सन २०१५ में अदानी समूह के अदानी अक्षय ऊर्जा पार्क ने राजस्थान सरकार के साथ १०,०००/- मेगावॉट की क्षमता के साथ भारत का सबसे ब़डा सौर पार्क स्थापित करने के लिए ५०ः५० संयुक्त उद्यम के लिए एक समझौते पर हस्ताक्षर किये। नवम्बर, २०१५ में अदानी समूह ने केरल में विझिंजम बंदरगाह पर निर्माण शुरु किया। २०१६ में अदानी एयरो डिफेंस ने भारत में मानव रहित विमान प्रणाली (यु.ए.एस.) के क्षेत्र में काम करने हेतु एलिबिट – आई. एस. टी. आर. और अल्फा डिजाइन टेक्नोलॉजी के साथ एक समझौते पर हस्ताक्षर किये। अदानी इंटरप्राइजेज ने सौर निर्माण पर काम प्रारम्भ करने हेतु गुजरात सरकार से स्वीकृति प्राप्त की। सितम्बर, २०१६ में अदानी समूह की नवीकरणीय शाखा, अदानी ग्रीन एनर्जी (तमिलनाडु) ने तमिलनाडु के रामनाथपुरम में कामुथी में ६४८ मेगावॉट की क्षमता के साथ ४,५५० करो़ड रूपये की अनुमानित लागत पर परिचालन शुरू किया। इसी माह में समूह ने ६४८ मेगावॉट के एक एकल स्थान वाले सौर ऊर्जा संयंत्र का उद्‌घाटन किया। अपनी स्थापना के समय यह दुनिया का सबसे ब़डा सौर ऊर्जा संयंत्र था। दिसम्बर महीने में अदानी समूह ने पंजाब के सबसे ब़डे १०० मेगावॉट के सौर ऊर्जा संयंत्र का भटिंडा में उद्‌घाटन किया।
२०१७ में अदानी समूह द्वारा १८,८०० करो़ड रुपये में रिलायंस इन्प्रÀास्ट्रक्चर की पॉवर शाखा का अधिग्रहण किया गया। अदानी समूह की सहायक कम्पानियाँ।

अदानी एंटरप्राइजेज
अदानी एंटरप्राइजेज अदानी समूह की प्रमुख सहायक और प्राथमिक होल्डिंग कम्पनियाें में से एक है। यह कम्पनी ऊर्जा तथा बुनियादी ढाँचे के क्षेत्र में अन्य नवीन व्यवसाय स्थापित करने पर ध्यान केन्द्रित करती है। यह एक इन्क्यूबेटर के तौर पर कार्य करती है, जो अवसराें को सम्पन्न या सफल व्यवसायाें में तब्दील करती है। अदानी एंटरप्राइजेज की मौजूदगी विभिन्न उद्योगाें मेंे है और यह एक मावेÀट लीडर के रूप में स्थापित होने की दिशा में अग्रसर है। कम्पनी की तीन सहायक कम्पनियां हैं, जो इस प्रकार हैंै। अदानी विलमर, अदानी एयरपोर्ट होल्डिंग्स और अदानी रोड ट्रान्सपोर्ट । कम्पनी इतनी कामयाब है कि इसे मुम्बई स्टॉक एक्सचेंज और द नेशनल स्टॉक एक्सचंेज ऑफ इण्डिया में लिस्ट किया गया है। १९९४ में अपनी स्थापना तथा सूचीबद्ध होने के बाद अब तक कम्पनी ने २२,९०९ करो़ड रूपये के मार्केट कैप तक की एक सुदीर्घ यात्रा की है।
अब तक ए.पी.एस.ई. जेड, अदानी पॉवर, अदानी ट्रान्समिशन , अदानी ग्रीन एनर्जी और अदानी गैस जैसी कम्पनियां भारतीय स्टॉक एक्सचेंज में स्वतंत्र रूप से सूचीबध्द होने के लिए अदानी एंटरप्राइजेज से फथक हो चुकी हैंै।

अदानी पॉवर
वर्ष,१९९६ में अदानी पॉवर की स्थापना हुई। अदानी पॉवर, अदानी समूह की एक अन्य प्रमुख व्यापारिक सहायक कम्पनी है। अदानी पॉवर का मुख्यालय अहमदाबाद, गुजरात में स्थित है तथा इसे देश में सबसे ब़़डे निजी ताप विद्युत उत्पादक के रूप मे प्रसिद्धि प्राप्त है। देश के अनेक राज्याें यथा-गुजरात, महाराष्ट्र, कर्नाटक, राजस्थान और छत्तीसग़ढ में थर्मल प्लांट हैंै और इसकी विद्युत उत्पादन कैपेसिटी १२,४५० मेगावॉट है। गुजरात स्थित कच्छ में ४० मेगावॉट का एक विशाल सौर संयंत्र भी इसके द्वारा संचालित किया जाता है। कम्पनी देश में विद्युत परियोजनाओं का विकास और रखरखाव करती है। कम्पनी की सम्पूर्ण भारत वर्ष में चार ताप विद्युत परियोजनाओं के साथ १०,४४० मेगावॉट की संयुक्त स्थापित क्षमता है। कम्पनी द्वारा अन्य सहायक कम्पनियां चलाई जाती हैं, जो इस प्रकार हैंः-

  • अदानी पॉवर महाराष्ट्र लिमिटेड
  • अदानी पॉवर राजस्थान लिमिटेड
  • अदानी पॉवर दहेज लिमिटेड
  • मुंद्रा पॉवर एस. ई. जेड लिमिटेड
  • अदानी पॉवर (ओवरसीज) लिमिटेड

२०१४ में अदानी पॉवर ने टाटा पॉवर को पीछे कर दिया और देश की सबसे ब़डी विद्युत उत्पादक कम्पनी बन गयी। गुजरात स्थित मुंद्रा में अदानी पावर लि. के थर्मल पॉवर प्लांट का तÀतीय चरण संयुक्त राष्ट्र पे्रÀम वर्क कन्वेंशन ऑन क्लाईमेट चेंज (यू. एन. एफ. सी. सी.) से कार्बन व्रÀेडिट प्राप्त करने वाला विश्व का प्रथम कोयला आधारित संयंत्र है। कर्नाटक सरकार द्वारा अदानी पॉवर के उडुपी पॉवर प्लांट को पॉवर अवॉर्ड से सम्मानित किया गया है।
यह भारतीय कम्पनी क्योटो प्रोटोकॉल के स्वच्छ विकास तंत्र (सी. डी. एम.) के अन्तर्गत पंजीकृत कोयला आधारित ताप विद्युत परियोजना स्थापित करने वाली विश्व की भी प्रथम कम्पनी है। कम्पनी द्वारा झारखंड स्थित गोड्‌डा में १,६०० मेगावॉट का संयंत्र लगाने की योजना को मूर्तरूप देने का प्रयत्न किया जा रहा है।

२०१४ में अदानी पॉवर ने टाटा पॉवर को पीछे कर दिया और देश की सबसे ब़डी विद्युत उत्पादक कम्पनी बन गयी।

अदानी ट्रांसमिशन
२००६ में अदानी ट्रांसमिशन लि. की स्थापना के पूर्व ही पारेषण उद्योग (ट्रांसमिशन उद्योग) में अदानी की यात्रा आरम्भ हो चुकी थी। वर्ष २०१३ से एकीकृत कम्पनी इलेक्ट्रिक पावर ट्रांन्समिशन सिस्टम के कमीशन, संचालन और रखरखाव को संभालती है। अदानी ट्रांसमिशन लि. की सम्पूर्ण ट्रांसमिशन क्षमता १६,२०० मेगावॉट है तथा सम्प्रति, यह भारत में निजी क्षेत्र की सबसे ब़डी पारेषण कम्पनियाें में से एक है। २०२० तक कम्पनी १२,२०० सर्किट किलोमीटर के कुल नेटवर्क का संचालन करती है और अतिरिक्त ३,२०० सर्किट किलोमीटर निर्माण के विभिन्न चरणाें में है। गौतम अदानी द्वारा स्थापित अदानी ट्रांसमिशन का मुख्यालय अहमदाबाद, गुजरात में है। यह कम्पनी मुम्बई में रिलायंस इन्फा्रस्ट्रक्चर के पॉवर जनरेशन ट्रांसमिशन और डिस्ट्रिब्यूशन कारोबार के अधिग्रहण के साथ २०१८ में वितरण के क्षेत्र में आई।
अदानी ट्रांसमिशन के अन्तर्गत काम करने वाली अदानी इलेक्ट्रिकसिटी मुम्बई लि. इस समय मुम्बई में ३० लाख से अधिक ग्राहकाें की विद्युत आवश्यकताओं की सम्पूर्ति करती है।
कम्पनी का लक्ष्य जैविक तथा अकार्बनिक विकास के अवसराें की सहायता से २०२२ तक २०,००० सर्किट किलोमीटर ट्रांसमिशन लाइनेंे स्थापित करना है। यह इंटरनैशनल इन्वेस्टमेंट ग्रेड रेटिंग प्राप्त करने वाला भारत का प्रथम निजी विद्युत क्षेत्र का प्लेयर है।

अदानी ट्रांसमशिन
२००६ में अदानी ट्रांसमशिन लि. की स्थापना के पूर्व ही पारेषण उद्योग (ट्रांसमशिन उद्योग) में अदानी की यात्रा आरम्भ हो चुकी थी। वर्ष २०१३ से एकीकृत कम्पनी इलेक्ट्रकि पावर ट्रांन्समशिन सस्टिम के कमीशन, संचालन और रखरखाव को संभालती है। अदानी ट्रांसमशिन लि. की सम्पूर्ण ट्रांसमशिन क्षमता १६,२०० मेगावॉट है तथा सम्प्रति, यह भारत में नजिी क्षेत्र की सबसे ब़डी पारेषण कम्पनयिाें में से एक है। २०२० तक कम्पनी १२,२०० सर्कटि कलिोमीटर के कुल नेटवर्क का संचालन करती है और अतरिक्ति ३,२०० सर्कटि कलिोमीटर नर्मिाण के वभिन्नि चरणाें में है। गौतम अदानी द्वारा स्थापति अदानी ट्रांसमशिन का मुख्यालय अहमदाबाद, गुजरात में है। यह कम्पनी मुम्बई में रलिायंस इन्फा्रस्ट्रक्चर के पॉवर जनरेशन ट्रांसमशिन और डस्ट्रिब्यिूशन कारोबार के अधग्रिहण के साथ २०१८ में वतिरण के क्षेत्र में आई।
अदानी ट्रांसमशिन के अन्तर्गत काम करने वाली अदानी इलेक्ट्रकिसटिी मुम्बई लि. इस समय मुम्बई में ३० लाख से अधकि ग्राहकाें की वद्यिुत आवश्यकताओं की सम्पूर्ति करती है।
कम्पनी का लक्ष्य जैवकि तथा अकार्बनकि वकिास के अवसराें की सहायता से २०२२ तक २०,००० सर्कटि कलिोमीटर ट्रांसमशिन लाइनें स्थापति करना है। यह इंटरनैशनल इन्वेस्टमेंट ग्रेड रेटिंग प्राप्त करने वाला भारत का प्रथम नजिी वद्यिुत क्षेत्र का प्लेयर है।

अभ्युदय वात्सल्यम डेस्क